Vo hansi raat fir se aayegi..

वो हँसी रात फिर से आएगी,
मैं जो रूठूँ तो वो मनाएगी!

वो हँसी रात.....

फिर से छज्जे पे जा खड़ी होगी,
फिर वहीं से वो मुस्कुराएगी!

वो हँसी रात...

मुझको बस देखने भर खातिर,
अपना वो फेसबुक बनाएगी!

वो हँसी रात....

देखकर शायरी मेरी उस पर,
खुद के अहसास को वो पाएगी!

वो हँसी रात....

बैठकर सामने मेरे एक दिन,
मुझको खाना वही खिलाएगी!

वो हँसी रात....

फिर से पागल कहूँगा मैं उसको,
फिर वो आँखे मुझे दिखाएगी!

वो हँसी रात...

मैं जो बेवक्त सो गया फिर से,
मुझको छूकर मुझे जगाएगी!

वो हँसी रात...

अपने घर से शहर जो जाऊँगा,
बैठे आँसू वो फिर बहायेगी!

वो हँसी रात...

वो हँसी रात,फिर से आएगी ,
मैं जो रूठूँ तो वो मनाएगी!

वो हँसी रात....

#स्वरचित-
#हेमन्त #राय

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