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मैं जम गया हूं झील सा, मैं ढल गया हूं सूर्य सा, हु समाधि लीन मैं,कराल कॉल रौद्र सा...! छिपा लिया हु रंग सारे कृष्णिका के भांति सब, उगा लिया हु सौम्यता , मैं राम सा व कृष्ण सा, सूर्य सा अंगार हु, पर बादलों के पार हु, मैं आदमी से डर गया, चुका हुआ उधार हु। आज खुद की ही निगाहों,  में अब बेकार हु, चढ़ के जो उतर रहा है , वो क्षणिक खुमार हु, भावना के बोझ से, दबा हुआ विचार हु, मंज़िलो से दूर ही, बिखर गया वो प्यार हु, तड़प रहा हु प्यास से, हु पानी की तलाश में, हु पनघटो पे ही खड़ा , मगर मैं बेकरार हु..! #स्वरचित हेमन्त राय

दिल_टूटना.....

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दिल_टूटना..... लोग ज्यादा इमोशनल होकर कह देते हैं कि हमारा दिल टूट गया,या उसने मेरा दिल तोड़ दिया,तभी कुछ लॉजिकल लोग उस बात का मजाक बना देते हैं,वो कहते हैं यार ये बताओ दोनों फेफड़ो के बीच पेरीकार्डियम(दिल के चारो तरफ पाया जाने वाला सुरक्षा कवच) से पूरी तरह ढका,ऊपर से पूरी पसलियों का घेरा,,इतना सुरक्षित होने के बावजूद दिल कैसे टूट गया बे? और साथ ही साथ वो ये लॉजिक भी दे देते हैं कि देखो ई प्यार मोहब्बत बस दिमाग का खेल है इसमें दिल का कोई इन्वॉल्वमेंट नही है....लेकिन हमने जब इस बात के बारे में अध्ययन किया तो पता चला कि वास्तव में दिल टूटता है, सच मे टूटता है.....और मेडिकल साइंस में इसे Cardiomyopathy (कार्डियोमायोपैथी) कहते हैं..... आईये आपको अब विस्तार से बताते हैं....दरअसल होता क्या है,की जब हम किसी से बहुत अधिक प्यार करते हैं,और वह हमें छोड़कर चला/चली जाती है..तो हम उसके बारे में बहुत ही ज्यादा सोचने लगते हैं और हाईपरटेंसन का शिकार हो जाते हैं,,और हाईपरटेंसन होते ही हमारा blood pressure बहुत अधिक बढ़ जाता है,,और यही बढा हुआ blood pressure हमारे हृदय के पेशियों को तोड़ देता है,जिसे