उसे मैं कैसे कह दूँ प्यार..!

#उसे #मैं #कैसे #कह #दूं #प्यार

आँसू जल से जिसको सींचा,
दिल का वो अनमोल बगीचा,
उस उपवन ने ही एक दिन जब,
किया मेरा अपमान ,
 उसे मैं कैसे कह दूं प्यार..

मुझमे तो 'हेमन्त' अटल था,
उसमे उसका अहं प्रबल था,
इसी विरोधाभास में खोया,
जो मैंने सम्मान ,
उसे मैं  कैसे कह दूं प्यार...

माँगा जिसको खुद को देकर,
पाया अपना सब कुछ खोकर,
उसने ही जब तोड़ा मेरे,
सपनो का संसार ,
उसे मै कैसे कह दूं प्यार....

जीवन का अनमोल खजाना,
मैने जिसके नाम लुटाया,
सपने जिसके खातिर देखे,
दर-दर की ठोकर भी खाया,
उसने मेरा छीनना चाहा,
जीने का अधिकार,
उसे मैं  कैसे कह दूं प्यार...

#जीवन #पथ #पर #जिसने #छीना ,#अधरों #से #मुस्कान,
#उसे #मैं #कैसे#कह #दूं #प्यार

#हेमन्त #राय

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