दिल_टूटना.....

दिल_टूटना.....

लोग ज्यादा इमोशनल होकर कह देते हैं कि हमारा दिल टूट गया,या उसने मेरा दिल तोड़ दिया,तभी कुछ लॉजिकल लोग उस बात का मजाक बना देते हैं,वो कहते हैं यार ये बताओ दोनों फेफड़ो के बीच पेरीकार्डियम(दिल के चारो तरफ पाया जाने वाला सुरक्षा कवच) से पूरी तरह ढका,ऊपर से पूरी पसलियों का घेरा,,इतना सुरक्षित होने के बावजूद दिल कैसे टूट गया बे?
और साथ ही साथ वो ये लॉजिक भी दे देते हैं कि देखो ई प्यार मोहब्बत बस दिमाग का खेल है इसमें दिल का कोई इन्वॉल्वमेंट नही है....लेकिन हमने जब इस बात के बारे में अध्ययन किया तो पता चला कि वास्तव में दिल टूटता है, सच मे टूटता है.....और मेडिकल साइंस में इसे Cardiomyopathy (कार्डियोमायोपैथी) कहते हैं.....

आईये आपको अब विस्तार से बताते हैं....दरअसल होता क्या है,की जब हम किसी से बहुत अधिक प्यार करते हैं,और वह हमें छोड़कर चला/चली जाती है..तो हम उसके बारे में बहुत ही ज्यादा सोचने लगते हैं और हाईपरटेंसन का शिकार हो जाते हैं,,और हाईपरटेंसन होते ही हमारा blood pressure बहुत अधिक बढ़ जाता है,,और यही बढा हुआ blood pressure हमारे हृदय के पेशियों को तोड़ देता है,जिसे हम सरल भाषा मे कहते हैं कि हमारा दिल टूट गया है!
और यह कोई छोटी बात नही है,दिल टूट जाने से आदमी की मौत भी हो जाती है!

अब समझ मे आ गया न लॉजिक दिल टूटने का!

हेमंत राय!

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