रह गयी उसकी कहानी अब अधूरी!
#रह #गयी #उसकी #कहानी #अब #अधूरी!
(शहीद सैनिक के परिवार का दर्द)
खिलखिलाता था जो आँगन रो रहा है,
उस भवन में आज सन्नाटा खड़ा है,
छोड़कर पीछे वो अपने चल दिया है,
रोती बीबी,बेटियाँ दो,माँ है बूढ़ी!
रह गयी उसकी कहानी अब अधूरी, बस अधूरी!
सामने जब बेटियाँ दो रो रही हों,
पिता का साया वो सर से खो रही हों,
पीर क्या उठती रही होगी हृदय में,
सामने ही टूटी होगी उसकी चूड़ी!
रह गयी उसकी कहानी अब अधूरी ,बस अधूरी!
चहकता आलिंद जब सूना पड़ा हो,
घर जवां बेटे का सोया शव धरा हो,
क्या कभी जीने का मन उनका करे अब,
लड़खड़ाता बाप और वो मां जो बूढ़ी!
रह गयी उसकी कहानी अब अधूरी,बस अधूरी!
माँग का सिंदूर जिसके लुट गया हो,
हाथ हाथों से पती का छुट गया हो,
उस हृदय की वेदना को कैसे समझें,
जब नही हो बेटियों की फीस पूरी!
रह गयी उसकी कहानी अब अधूरी, अब अधूरी,
रह गयी उसकी कहानी बस अधूरी,बस अधूरी!
#स्वरचित
#हेमन्त #राय
(शहीद सैनिक के परिवार का दर्द)
खिलखिलाता था जो आँगन रो रहा है,
उस भवन में आज सन्नाटा खड़ा है,
छोड़कर पीछे वो अपने चल दिया है,
रोती बीबी,बेटियाँ दो,माँ है बूढ़ी!
रह गयी उसकी कहानी अब अधूरी, बस अधूरी!
सामने जब बेटियाँ दो रो रही हों,
पिता का साया वो सर से खो रही हों,
पीर क्या उठती रही होगी हृदय में,
सामने ही टूटी होगी उसकी चूड़ी!
रह गयी उसकी कहानी अब अधूरी ,बस अधूरी!
चहकता आलिंद जब सूना पड़ा हो,
घर जवां बेटे का सोया शव धरा हो,
क्या कभी जीने का मन उनका करे अब,
लड़खड़ाता बाप और वो मां जो बूढ़ी!
रह गयी उसकी कहानी अब अधूरी,बस अधूरी!
माँग का सिंदूर जिसके लुट गया हो,
हाथ हाथों से पती का छुट गया हो,
उस हृदय की वेदना को कैसे समझें,
जब नही हो बेटियों की फीस पूरी!
रह गयी उसकी कहानी अब अधूरी, अब अधूरी,
रह गयी उसकी कहानी बस अधूरी,बस अधूरी!
#स्वरचित
#हेमन्त #राय
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