अब बता दो क्या मेरी नहीं तुम रही!
#अब #बता #दो #क्या #मेरी #नही #तुम #रही!
तू मेरे इश्क़ से बेखबर हो गयी,
मेरी बातों का तुम पर,
असर तक नही,
हूँ बड़े दर्द में,पूछता बस यही,
अब बता दो ,क्या मेरी नही तुम रही?
क्यों कभी भी मेरी याद आती नहीँ,
रूठ जाऊँ अगर तुम मनाती नहीं,
एक अजब सी उदासी है अब छा रही,
हूँ बड़े दर्द में पूछता बस यही,
अब बता दो ,क्या मेरी नहीं तुम रही?
इन लबों की हँसी, है कहीं खो गयी,
आंख के नीचे अब झाईयां पड़ रही,
दोस्त कहते हुआ क्या बता तो सही,
पहले जैसा तू अब मुस्कुराता नही,
हूँ बड़े दर्द में पूछता बस यही,
अब बता दो ,क्या मेरी नही तुम रही?
स्वप्न भी अब मेरे बेअदब हो गए,
अब वहाँ भी मुझे बस तुम्ही दिख रही,
स्वर मेरे अब हैं कुछ लड़खड़ाए हुए,
दर्द के गीत मेरी कलम लिख रही,
इतना वाचाल मन आज खामोश है,
इस विसंगति को तूँ क्यों समझती नहीं,
हूँ बड़े दर्द में पूछता बस यही,
अब बता दो, क्या मेरी नही तुम रही?
#स्वरचित
#हेमन्त #राय
तू मेरे इश्क़ से बेखबर हो गयी,
मेरी बातों का तुम पर,
असर तक नही,
हूँ बड़े दर्द में,पूछता बस यही,
अब बता दो ,क्या मेरी नही तुम रही?
क्यों कभी भी मेरी याद आती नहीँ,
रूठ जाऊँ अगर तुम मनाती नहीं,
एक अजब सी उदासी है अब छा रही,
हूँ बड़े दर्द में पूछता बस यही,
अब बता दो ,क्या मेरी नहीं तुम रही?
इन लबों की हँसी, है कहीं खो गयी,
आंख के नीचे अब झाईयां पड़ रही,
दोस्त कहते हुआ क्या बता तो सही,
पहले जैसा तू अब मुस्कुराता नही,
हूँ बड़े दर्द में पूछता बस यही,
अब बता दो ,क्या मेरी नही तुम रही?
स्वप्न भी अब मेरे बेअदब हो गए,
अब वहाँ भी मुझे बस तुम्ही दिख रही,
स्वर मेरे अब हैं कुछ लड़खड़ाए हुए,
दर्द के गीत मेरी कलम लिख रही,
इतना वाचाल मन आज खामोश है,
इस विसंगति को तूँ क्यों समझती नहीं,
हूँ बड़े दर्द में पूछता बस यही,
अब बता दो, क्या मेरी नही तुम रही?
#स्वरचित
#हेमन्त #राय
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