Why petrole diesel and wine is not included in GST

शनिवार से लागू होने वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स से केंद्र सरकार ने पांच चीजों को इसके दायरे से बाहर रखा है। इनमें सभी प्रकार की शराब, पेट्रोल,डीजल, हवाई यात्रा के लिए इस्तेमाल होने वाले एविएशन फ्यूल और बिजली शामिल है। इनको जीएसटी से बाहर रखने की सबसे बड़ी वजह है कि केंद्र और राज्य सरकार को सबसे ज्यादा कमाई इन्हीं से होती है।  पेट्रोल-डीजल पर अभी वैट और अन्य टैक्स मिलाकर के 57 फीसदी टैक्स लगता है। अगर इनको 28 फीसदी के स्लैब में रखा तो केंद्र, राज्य की कमाई पर काफी असर पड़ेगा। इसलिए फिलहाल इनको जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि आगे आने वाले वक्त में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया जाएगा, जब केंद्र और राज्य की कमाई सही तरीके से होने लगेगी और अपनी कमाई के लिए पेट्रोल-डीजल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।  जीएसटी के बाद बढ़ जाएंगे शराब के दाम जुलाई से शराब के दाम बढ़ जाएंगे। यह एक और ऐसी कमोडिटी है जिसको बेचने पर सरकार को दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा कमाई होती है। जीएसटी काउंसिल पर राज्यों के वित्तमंत्रियों ने इसको भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखने पर सहमति जताई थी। वहीं शराब बनाने के लिए प्रयोग में आने वाले कच्चे माल को 5 से 18 फीसदी के स्लैब में रखा है, जिससे इनपुट कॉस्ट बढ़ जाएगी। इस इनपुट कॉस्ट से कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ेगा, जिससे कंपनियों के लिए दाम बढ़ाना उनकी मजबूरी हो जाएगी। 
                From -amarujala

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